Saturday, April 24, 2010

रेलगाड़ी में.

साथ-साथ
चलते थे तारे
गाँव छूटते जाते थे पीछे

अगल– बगल सब
साथ तो थे पर
सोते ढीले

टिकी रहीं आँखें तारों पर
पैरों तले
ज़मीन निकलती रही
अजाने. . .

- पूर्णिमा वर्मन.

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