Wednesday, November 11, 2015

अब की दिवाली

अब की दिवाली
कुरता, जूते
नए कुछ
रख लाना
नुक्कड़ पर पुरानी पटाखों की जो दुकान है
भीड़ में घुसकर
15 रुपये के सुतली बम परख लाना
आते से
मस्जिद वाले मोड़ पर
इरशाद चचा के थाल से
कुछ मावा बर्फी चख लाना
फीस मांगते बाबू
स्कूल में
अब नहीं सुनते
माँ की, मेरी ...
कुछ रुपये भी रख लाना

15 बरस हुए
तुम्हें देखे
तुम्हारे पैर छुए
तुमसे डांट खाए
तुमसे गले मिले
राह देखती माँ भी
जोड़ा पहने
थाल लिए
चलो वो सब रहने देना
अबकी दिवाली
बाबा
बस
तुम
सीधे घर आ जाना