Thursday, January 19, 2012

जो आये ले जाए...

मैले कपडे,
कुचली आँखें,
कुकडे अकड़े हाथ.

एक रात,
हमने भी गुजारी,
उस पगली के साथ.

सहमी, हकली,
वहशी कुम्हली,
सिसक फफक बस रोई.

63 बरस,
करोड़ों चीखें,
पर चीर भरे न कोई!

बेटी थी,
अब बहु कहें, बस..
हक, जता, टूर जाएँ..

वेलेंटाइन डे,
सभी मना लें,
२६ छुट्टी मनाएं.

क्या कसाब,
क्या पप्पू, गांधी,
जो आये ले जाए...

लड्डू संग,
बंटेगा गणतंत्र,
जो भी मिले, बताएं!

- प्रशांत. १.१९.२०१२.
गणतंत्र दिवस, जनवरी २६ पर.

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