सर्वोत्तम काव्य संकलन
एक प्रयास.
Tuesday, January 10, 2012
खट्टा.
ज़ख्मों का हिसाब रखते रखते,
अपने तो दिमाग का दही हो गया.
ता उम्र दूध दूध चिल्लाता फिरा...
अब खट्टा ही जो भाने लगा,
सब साला सही हो गया!!!
- प्रशांत. १.१०.१२.
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