Tuesday, July 26, 2011

जिस पल तू इस दिल के पास होती है|

जब जब ये आँखे उदास होती है,

तू इस दिल के पास होती है|


जब जब खुशियों से मुलाकात होती है,

तू इस दिल के पास होती है|


कभी कोई आंसू तेरी यादों के झरने से बह जाता है,

कभी इन होठों को तेरी हंसी की तलाश होती है|


उस एक पल में जी लेता हु मैं सारी उमर,

जिस पल तू इस दिल के पास होती है|


- हेमंत शर्मा.


Thursday, July 21, 2011

कुछ अपने से गैर मिले.

वक्त के कारवां से एक लम्हा अपने लिए चुराया,
कुछ रूठी हुई यादों को मनाया,
दिल के उस कमरे को खोला जो बरसों से बंद था,
वहाँ कुच्छ किताबें थी जिन पर धूल चढ़ी थी,
उनमे कुछ सूखे फूल मिले,
कुच्छ धुंधले से नाम मिले,
कुच्छ रिश्तों कि डोर मिली,
एक भूली तस्वीर मिली,
कुच्छ हँसते से होठ मिले,
कुछ रोते से नैन मिले,
कुछ सोये अरमान मिले,
कुछ अपने से गैर मिले.

- हेमंत शर्मा.

...मैं क्यूँ इतना बदल गया

इस जिंदगी की दौड़ में, आगे बढ़ने की होड़ में
कितना कुछ पीछे छूट गया, वक़्त हमसे हमको लूट गया,
साँझ ढले जब सांस भर आई, कुछ मुरझाये फूलोँ की खुशबू फिर याद आई,
इस दौड़ में जब भी कदम लडखडाये, वही जाने पहचाने कंधे आगे आये,
साँसे चलती रही मेरी लेकिन मैं जीना भूल गया ,
ये ज़मीं वही थी आसमां वही था जाने मैं क्यू इतना बदल गया ...............

- हेमंत शर्मा.