सर्वोत्तम काव्य संकलन
एक प्रयास.
Tuesday, February 11, 2014
बेवजह.
मुस्कुराना चाहता हूँ, बेवजह.
बचपन सजाना चाहता हूँ, बेवजह.
रो रहा जो घर गिरा के रेत का,
उसको हँसाना चाहता हूँ, बेवजह.
- prash.
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