सर्वोत्तम काव्य संकलन
एक प्रयास.
Thursday, August 18, 2011
हम उनमें खादी अपनी सुखाया करते हैं!
जो तूफान ताज-ए-हुकूमत उडाया करते हैं,
हम उनमें खादी अपनी सुखाया करते हैं!
सत्यमेव जयते!
- प्रशांत. ८/१७/२०११. (इन्टरनेट/ समाचारों से प्रेरित)
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