एक तार का टेंट
दो बोतल पानी की
टुकड़ा टुकड़ा खाके
आग लगा के हाथ सेक के
हम जिसे 'केम्प' कहते हैं,
ज़िन्दगी है लाखों की ...
तीन दफा रोज़
ऐसे ही रहते हैं,
ऐसे ही 'देते' हैं।
- प्रश्।
अप्रैल 11 2015।
दो बोतल पानी की
टुकड़ा टुकड़ा खाके
आग लगा के हाथ सेक के
हम जिसे 'केम्प' कहते हैं,
ज़िन्दगी है लाखों की ...
तीन दफा रोज़
ऐसे ही रहते हैं,
ऐसे ही 'देते' हैं।
- प्रश्।
अप्रैल 11 2015।