अब न कुछ मीठा रहा.
दोस्तों के शहर में, गुमशुदा जीता रहा,
हाथ में कुरान -बाइबल, ढूँढता गीता रहा!
इम्तिहान-ए-वक्त से, एक मैं, एक तू थे घायल,
तू अलग पीती रही, मैं अलग पीता रहा!
ऐसे बदले लोग, जंगल, वो गली और रास्ते,
आम चूसे, पान चाबे, अब न कुछ मीठा रहा!
दोस्तों के शहर में, गुमशुदा जीता रहा,
हाथ में कुरान -बाइबल, ढूँढता गीता रहा!
- Prash 'बुडबक' Trash. (प्रशांत)