वो अलग पीते रहे, मैं अलग पीता रहा
दोस्तोँ के शहर में, गुमशुदा जीता रहा
खेल कहके तूने जिसको आज तक फेंका उछाला
ज़िन्दगी थी वो मेरी, फटती रही, सीता रहा!
एक प्रयास.
अब की दिवाली
कुरता, जूते
नए कुछ
रख लाना
नुक्कड़ पर पुरानी पटाखों की जो दुकान है
भीड़ में घुसकर
15 रुपये के सुतली बम परख लाना
आते से
मस्जिद वाले मोड़ पर
इरशाद चचा के थाल से
कुछ मावा बर्फी चख लाना
फीस मांगते बाबू
स्कूल में
अब नहीं सुनते
माँ की, मेरी ...
कुछ रुपये भी रख लाना
15 बरस हुए
तुम्हें देखे
तुम्हारे पैर छुए
तुमसे डांट खाए
तुमसे गले मिले
राह देखती माँ भी
जोड़ा पहने
थाल लिए
चलो वो सब रहने देना
अबकी दिवाली
बाबा
बस
तुम
सीधे घर आ जाना
Ek waqt tha.
Phool soonghnei baagon mein jaate the,
Nangey pair ghaas par lot.te the,
Daud lagaate the.
Aaj phoolon se allergy hai.
Ghaas mein potty padi kutton ki...
Bas ek wohi asli,
Baki sab ssaala farzee hai:-(
PrashOriginal.
Aao, baitho.
Fir baat chhide.
Kuchch zindagi ki,
Kuchch pyaar ki.
Kuchch monsoon,
Bauchaar ki.
Aaa, baitho.
Fir raag chhide.
Kuchch dard ke,
Kuchch tyaag ke.
Kuchch chhipe, dabe,
Anurag ke.
Aaa, baitho.
Fir waqt ruke.
Kuchch baadal mein,
Kuchch dhoop mein.
Kuchch saral, madir,
Tere roop mein.
Aao...:-)
- PrashOriginal.
12.16.12.